वैसे तो जगते सदा, मन में भाव अनन्त। पर वसुधैव कुटुम्बकम्,जो माने वह सन्त।। जो माने वैसे तो जगते सदा, मन में भाव अनन्त। पर वसुधैव कुटुम्बकम्,जो माने वह सन्त।। ...
धर्म का मूल संस्कार है, धरती ही परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम का आधार है, उदार हृदय धर्म का मूल संस्कार है, धरती ही परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम का आधार है, ...
बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं,बेटियों का सम्मान करें! बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं,बेटियों का सम्मान करें!
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...